- बस्ती। विकास एवं पंचायत विभाग व भ्रष्टाचार का चोली दामन का संबंध है, बिना काम भुगतान, फर्जी अभिलेखों के सहारे भुगतान पंचायत एवं विकास विभाग की पहचान बन चुकी है । मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना को विकास एवं पंचायत विभाग के जिम्मेदार दीमक की तरह चाट कर खोखला कर दे रहे हैं। जिम्मेदार भी अपने हिस्से की मलाई लेकर अपनी जिम्मेदारी से मुॅह मोड़े हुए हैं ।
वित्तीय अनियमितता के चलते विगत 09 अप्रैल 2024 को ग्राम पंचायत बढ़याराजा विकास खण्ड साऊँघाट की तत्कालीन सचिव सुश्री नेहा वर्मा के विरुद्ध धारा 420 व 409 के अन्तर्गत नन्द लाल राम सहायक विकास अधिकारी पंचायत की तहरीर पर रुधौली थाने में मुकदमा संख्या 0093/2024 दर्ज हुआ है परन्तु प्रकरण में अभी तक आरोपी सचिव की गिरफ्तारी नही हुई है।
जिसके कारण रुधौली पुलिस की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा है विकास विभाग व पुलिस के लिए यह कोई पहला व नया मामला नही है, इसके पूर्व कुदरहा विकास खण्ड में सचिव शैलेन्द्रमणि त्रिपाठी , सल्टौवा विकास खण्ड के सचिव अखिलेश कुमार शुक्ल सहित लगभग आधा दर्जन सचिव भ्रष्टाचार का मलाई काट रहे हैं।
परन्तु विभागीय अधिकारियों के संरक्षण एवं पुलिस की मिलीभगत से इन सबों पर कोई प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही नही हो पा रही है । भ्रष्टाचारियों पर प्रभावी कार्यवाही न होने से लोकतंत्र की साख कमजोर होना स्वाभाविक है ।
इस प्रकरण पर जानकारी लेने के लिए जब क्षेत्राधिकारी रुधौली स्वर्णिमा सिंह से बात कर जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने बताया कि प्रकरण हमारे जानकारी में नही है , मामले में जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कोई स्टेटमेंट दे पाऊँगी
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